एक क्रश स्टोरी – जब मेरा दिल आया मेरे प्रोफेसर पर
मेरी एक बार अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर पर क्रश हो गया था, और धीरे-धीरे वह क्रश प्यार में बदल गया। वह न सिर्फ बेहद हैंडसम थे, बल्कि एक टैलेंटेड और सच्चे इंसान भी थे, जिनकी सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल की थी। जैसे-जैसे मेरे लिए उनकी फीलिंग्स बढ़ने लगीं, मुझे यह भी महसूस हुआ कि वह भी मेरी ओर थोड़ा-बहुत आकर्षित हैं। यह क्रश स्टोरी उन कई कॉलेज लव स्टोरीज़ में से एक है जो प्यार की जटिलताओं को बयां करती है।
बढ़ती हुई भावनाएं
मुझे एहसास हुआ कि मेरे दिल में उनके लिए धीरे-धीरे और लगातार फीलिंग्स बढ़ रही थीं। शुरुआत में यह सिर्फ एक सिंपल क्रश स्टोरी थी, लेकिन जल्दी ही यह कुछ ज़्यादा बन गई। मैं उनकी बुद्धिमत्ता, उनके ह्यूमर और उनके व्यक्तित्व से आकर्षित होती चली गई। शुरुआत में तो मैं बस दूर से ही उन्हें देखना पसंद करती थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, मैं उनके लिए और ज़्यादा पागल होती गई। मैं किसी भी बहाने से उनसे बात करने की कोशिश करती — फिर चाहे वह क्लास हो या उनके ऑफिस आवर्स। यह अब एक सच्ची कॉलेज लव स्टोरी बनती जा रही थी।
एहसास और इज़हार
जब मेरी फीलिंग्स बहुत गहरी हो गईं, तब मुझे यह एहसास हुआ कि मैं उनसे सच में प्यार करने लगी हूं। मैंने खुद को समझाने की कोशिश की, क्योंकि मुझे पता था कि वह शादीशुदा हैं और उनके एक बच्चा भी है। लेकिन दिल ने तो जैसे फैसला कर ही लिया था।
एक दिन मैंने ठान लिया कि मैं अब इन फीलिंग्स को अपने दिल में दबा कर नहीं रख सकती। मुझे उनसे बात करनी ही थी, चाहे रिजेक्शन का डर हो या बेइज़्ज़ती का।
जब मैं क्लास के बाद उनसे मिलने गई तो बहुत नर्वस थी, दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। शब्द मुंह से निकल नहीं रहे थे, लेकिन आखिरकार मैंने अपनी फीलिंग्स उन्हें बता ही दीं। मेरी हैरानी की बात यह थी कि उन्होंने मुझे तुरंत मना नहीं किया। बल्कि, वह कुछ पल चुप रहे, और बहुत सोच में डूबे हुए से लगे, जैसे कि वह हमारे बीच कुछ होने की संभावना को टटोल रहे हों। यह पल मेरी कॉलेज लव स्टोरी का एक बड़ा मोड़ बन गया।
एक क्रश स्टोरी – जब मेरा दिल आया मेरे प्रोफेसर पर (भाग 2)
एक बंधन बनने लगा
अगले कुछ हफ्तों में हम ज़्यादा वक़्त साथ बिताने लगे। क्लास के बाद या ऑफिस आवर्स के दौरान हमारी बातें होतीं और मुझे लगने लगा कि हमारे बीच एक गहरा कनेक्शन बन रहा है। यह एहसास पहले कभी किसी क्रश स्टोरी या लव स्टोरी में महसूस नहीं हुआ था।
अचानक अलविदा
फिर एक दिन उन्होंने एक ऐसा सच बताया जिसने मेरी ज़िंदगी हिला दी। उन्होंने कहा कि वह कॉलेज छोड़कर जा रहे हैं और अब यहां पढ़ाएंगे नहीं। मेरा दिल टूट गया। मुझे समझ आ गया कि अब हमारा साथ बहुत जल्दी खत्म होने वाला है।
उनसे आखिरी बार मिलने की उम्मीद में मैं उस कॉफ़ी शॉप की तरफ भागी जहाँ हम पहले मिल चुके थे। मैं हांफती हुई, घबराई हुई पहुँची – दिल में सिर्फ एक ही सवाल था: “क्या वो वहाँ होंगे?”
और राहत की बात ये थी कि वह पहले से वहाँ एक टेबल पर बैठे थे, सोच में डूबे हुए, थोड़े उदास।
हमने घंटों बात की। मैंने दिल खोलकर रख दिया – अपने प्यार का इज़हार किया, ये बताया कि मैं उनके साथ रहना चाहती हूं। उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की, कहा कि ये सही नहीं है, लेकिन मैं मानने को तैयार नहीं थी। इस कॉलेज लव स्टोरी का यह हिस्सा दर्द और तड़प से भरा हुआ था।
सच का सामना
जैसे-जैसे रात बीतती गई, वो और ज़्यादा चुप और गंभीर होते चले गए। फिर उन्होंने मुझे एक लंबा लेक्चर दिया – प्रोफेसर से प्यार करने के खतरे और उसके अंजाम के बारे में। ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे ऊपर ठंडे पानी की बाल्टी उड़ेल दी हो।
फिर भी, मैं अपनी फीलिंग्स से पीछा नहीं छुड़ा पाई। वो मेरी सोच में लगातार बने रहे, भले ही वो अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ चुके थे। ये एक क्लासिक क्रश स्टोरी बन चुकी थी — जिसमें एक करारा, तकलीफ़देह मोड़ था।
एक असहज मुलाकात
कुछ दिन बाद उनका फोन आया। उन्होंने फिर से कॉफी शॉप में मिलने को कहा। जब मैं वहाँ पहुँची, तो देखा कि उनकी पत्नी भी उनके साथ बैठी है। मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई। समझ गई कि सारा मामला सामने आ चुका है, और अब मुझे एक बेहद अजीब और असहज स्थिति का सामना करना होगा।
लेकिन मेरी हैरानी की हद नहीं रही, जब उनकी पत्नी ने बड़ी ही समझदारी और दया से मेरा स्वागत किया। उन्होंने अपनी खुद की लव स्टोरी और शादी की बातों को मेरे साथ साझा किया। उनकी बातों से मुझे रिश्तों की जटिलता और खुद के प्रति ईमानदार रहने की अहमियत समझ आई।
यह मुलाकात मेरी कॉलेज लव स्टोरी का एक बहुत ही अहम मोड़ बन गई।
आगे बढ़ना
भले ही उनकी पत्नी बहुत नेकदिल थीं, मुझे पता चल चुका था कि अब मुझे आगे बढ़ना होगा। एक शादीशुदा इंसान के लिए अपने दिल में भावनाएं रखना मेरे लिए सही नहीं था।
यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था, लेकिन ज़रूरी भी।
मेरी इस लव स्टोरी का यह हिस्सा था — खुद को समझाना, छोड़ पाना, और फिर धीरे-धीरे अपने घावों को भरना।
खुशियों की तलाश
आने वाले सालों में मैंने खुद को उस प्रोफेसर के लिए जो फीलिंग्स थीं, उनसे बाहर निकालने के लिए बहुत मेहनत की। ये आसान नहीं था, लेकिन वक्त के साथ और अपनी कोशिशों से मैं उस आकर्षण को पीछे छोड़ने में कामयाब रही।
धीरे-धीरे मेरी ज़िंदगी में फिर से खुशियाँ लौटने लगीं।
यह लव स्टोरी, बाकी क्रश स्टोरीज़ की तरह, मुझे प्यार, बिछड़ने और खुद को बेहतर इंसान बनाने के कई सबक सिखा गई।